शिक्षामित्रों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल से
चिदंबरम और खुर्शीद समेत जाने-माने वकील करेंगे पैरवी
लखनऊ। शिक्षामित्रों के मामले में 24 फरवरी से सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में राज्य सरकार का पक्ष मजबूती से रखने की तैयारी कर ली गई है। राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से जहां वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दबे और केके वेणुगोपाल पक्ष रखेंगे, वहीं शिक्षामित्रों की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और सलमान खुर्शीद समेत सात वरिष्ठ अधिवक्ताओं का पैनल खड़ा किया जाएगा। शासन ने अधिकारियों को पूरी तैयारी के साथ कोर्ट में मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं, ताकि लचर पैरवी के कारण किसी भी विपरीत परिस्थिति का सामना न करना पड़े।
राज्य सरकार ने करीब 1.34 लाख शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया था, मगर इस फैसले के खिलाफ तमाम लोग हाईकोर्ट चले गए। पिछले साल 12 सितंबर को दिए गए अपने आदेश में हाईकोर्ट ने समायोजन को नियमविरुद्ध बताते हुए इसे रद्द कर दिया। राज्य सरकार के साथ-साथ शिक्षामित्रों के संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ विशेष अनुज्ञा याचिका दायर की। 7 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे देते हुए सुनवाई की तारीख 24-26 फरवरी दी।
चुनावी वर्ष में यह मामला सत्ताधारी दल के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। इसलिए सचिव बेसिक शिक्षा के अलावा बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों को भी सुनवाई के दौरान दिल्ली में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। शासन के सूत्रों के मुताबिक, वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दबे और केके वेणुगोपाल को पूरा मामले की एक बार फिर ब्रीफिंग कर दी गई है।
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