कोर्ट में याचिका दायर कर सभी को आवेदन का दिलाया मौका
इलाहाबाद : प्रदेश में होने वाली 15 हजार शिक्षकों की भर्ती में नया मोड़ आ गया है। जो युवा भर्ती में शामिल होना दूर आवेदन तक नहीं कर सकते थे, वे न केवल आवेदक बने बल्कि उन्होंने पूरी नियुक्ति प्रक्रिया को ही बाधित करा दिया है। न्यायालय में भर्ती की आवेदन प्रक्रिया को चुनौती देने वाला शख्स खुद ही बिना परीक्षा उत्तीर्ण किए आवेदन करने के आरोप में घिर गया है। 1बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में इन दिनों 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। नौ दिसंबर 2014 से शुरू प्रक्रिया में तीन बार आवेदन लेने के बाद काउंसिलिंग हुई और नियुक्ति पत्र बांटने से पहले ही चौथी बार आवेदन लेने का आदेश हो गया। वह पूरा होने के बाद भर्ती प्रक्रिया ही रुकी है। दरअसल यह भर्ती 13741 अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने के लिए शुरू
हुई थी। दावेदारों का कहना है कि परिषद की वेबसाइट में कमी होने के कारण बीटीसी 2012 बैच के अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया, जो उस समय तक न तो भर्ती करने के लिए योग्य थे और न ही प्ररीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से दी गई सूची में उनका जिक्र था। ऐसे में युवा अनिल कुमार मौर्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की और कोर्ट ने राहत भी दे दी। सभी के आवेदन लेने के बाद से पूरी प्रक्रिया ठप है। युवाओं ने बताया कि कोर्ट में याचिका करने वाले अनिल कुमार ने विज्ञापन के नियमों के विपरीत आवेदन किया है। उन्होंने 25 अप्रैल 2015 को भर्ती में आवेदन करने के लिए पंजीकरण कराया जबकि उनका बीटीसी परीक्षा परिणाम 29 अप्रैल 2015 को जारी हुआ है। एनसीटीई के नियमों के अनुरूप परीक्षा उत्तीर्ण करने वाला शख्स की आवेदन कर सकता है। यही नहीं, इन लोगों ने जब टीईटी की परीक्षा दी उस समय वह द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं थे। यह पूरा ब्योरा परिषद के सचिव कार्यालय को उपलब्ध कराया गया है। युवाओं ने अनिल व उनके साथियों की उच्च स्तरीय जांच कराकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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