नए साल में 1.71 लाख शिक्षामित्रों को बड़ी राहत
प्रदेशभर के 1.71 लाख शिक्षामित्रों को नए साल में एक और बड़ी राहत मिली है। शिक्षामित्रों के दो वर्र्षीय दूरस्थ विधि से बीटीसी प्रशिक्षण के खिलाफ रेगुलर बीटीसी अभ्यर्थी संजीव राघव की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका शुक्रवार को वापस ले ली गई।
शिक्षामित्रों के दो वर्षीय प्रशिक्षण के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में संतोष मिश्र व अन्य की ओर से याचिका की गई थी जो पिछले साल 12 सितम्बर को ही खारिज हो गई थी। इसके बाद रेगुलर बीटीसी अभ्यर्थी संजीव राघव ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
शिक्षामित्रों के दो वर्षीय प्रशिक्षण के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में संतोष मिश्र व अन्य की ओर से याचिका की गई थी जो पिछले साल 12 सितम्बर को ही खारिज हो गई थी। इसके बाद रेगुलर बीटीसी अभ्यर्थी संजीव राघव ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश मंत्री कौशल सिंह ने बताया कि सुनवाई के दौरान याची के वकील ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिव्यू दायर करने की बात कहते हुए याचिका वापस ले ली। उन्होंने बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन के प्रति इस मामले में सहयोग देने के लिए आभार जताया है।
वर्ष 1999 में शिक्षामित्र योजना लागू होने के लगभग 12 साल बाद प्रदेश सरकार ने 3 जनवरी 2011 को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से शिक्षामित्रों को दो वर्षीय दूरस्थ विधि से बीटीसी ट्रेनिंग देने की अनुमति मांगी थी।ताकि नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) 2009 के अनुसार स्कूलों में कोई अप्रशिक्षित अध्यापक न रहे। एनसीटीई से 14 जनवरी 2011 को मंजूरी मिलने के बाद 1.71 लाख शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण शुरू हुआ। इनमें से सवा लाख से अधिक शिक्षामित्रों की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है।
अब बीएड अभ्यर्थी प्रशिक्षण को देंगे चुनौती
शिक्षामित्रों के दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण के खिलाफ रेगुलर बीटीसी संजीव राघव की याचिका शुक्रवार को खारिज होने के बाद बीएड अभ्यर्थी अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। टीईटी संघर्ष मोर्चा की ओर से दो अलग-अलग याचिकाएं होने जा रही हैं।
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