सीटैट में अंकों की बाध्यता खत्म
नई दिल्ली :केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटैट) के इच्छुक लोगों को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। अब स्नातक में 45 प्रतिशत अंक नहीं होने के बावजूद इस परीक्षा में बैठ सकते हैं। हाईकोर्ट ने इस संबंध में याचिका पर यह आदेश दिया।हाईकोर्ट ने कहा है कि भले ही किसी के पास स्नातक में 45 फीसदी अंक नहीं हैं लेकिन यदि उसके पास पोस्ट-ग्रेजुशन की डिग्री है तो वह सीटैट में शामिल होने के लिए योग्य है। इस फैसले से देश के हजारों युवाओं को लाभ मिलेगा। कोर्ट ने यह फैसला रुचिका गुप्ता की याचिका का निपटारा करते हुए दिया। रुचिका के पीजी में 70} अंक होने के बावजूद परीक्षा के लिए अयोग्य ठहराया गया था।
सीटैट में शामिल होने के लिए पोस्ट-ग्रेजुएशन की डिग्री को योग्यता के रूप में शामिल नहीं करना न सिर्फ अतार्किक है, बल्कि मौलिक अधिकारों का हनन भी है। -हाईकोर्ट ने आदेश में कहा
लेकिन एक शर्त भी..स्नातक में 45 प्रतिशत अंक नहीं होने के बावजूद आप सीटैट की परीक्षा में बैठ सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपके पास पोस्ट-ग्रेजुएशन की डिग्री होनी जरूरी है।
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