तदर्थ शिक्षकों को स्थाई करने का रास्ता साफ
लखनऊ :सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों को स्थाई करने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। न्याय विभाग से लगी आपत्तियों पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने स्थिति साफ कर दी है। बता दिया गया है कि उनकी नियुक्ति में आरक्षण नियमों का पालन किया गया है। जल्द ही संशोधित प्रस्ताव कैबिनेट मंजूरी के लिए रखा जाएगा। इसके बाद 30 दिसंबर 2000 तक के 1934 तदर्थ शिक्षकों का स्थायीकरण तय हो जाएगा।प्रदेश में मौजूदा समय करीब 4500 सहायता प्राप्त इंटर कॉलेज हैं। इनमें संबद्ध प्राइमरी में शिक्षकों की भर्ती का अधिकार प्रबंधक के पास है और प्रवक्ता
व प्रधानाचार्य का उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के पास। जरूरत के आधार पर बीच-बीच में प्रबंधकों को प्रवक्ता पद से रिटायर होने वालों के स्थान पर तदर्थ शिक्षक रखने की अनुमति दी गई थी। राज्य सरकार ऐसे शिक्षकों को स्थाई करना चाहती है।इसके आधार पर 6 अगस्त 1993 से 30 दिसंबर 2000 तक के तदर्थ शिक्षकों को स्थाई कराने का प्रस्ताव कुछ शर्तो के साथ कैबिनेट से पास भी करा लिया गया। शर्त यह रखी गई कि तदर्थ शिक्षकों को शासनादेश जारी होने की तिथि से स्थाई माना जाएगा, न कि नियुक्ति की तिथि से।
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