टीईटी में 82 अंक वाले भी काउंसलिंग में शामिल हो सकेंगे
इलाहाबाद। परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गणित विज्ञान के 29334 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के मामले में हाईकोर्ट ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने टीईटी में 82 अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में शामिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने 17 जून 2015 को जारी शासनादेश के क्रम में ही भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है। अदालत के इस आदेश से आठवीं काउंसलिंग पर लगी रोक समाप्त हो गई है।
अजीत यादव, सीताराम, विमल प्रताप सहित दर्जनों विशेष अपीलों का निस्तारण करते हुए यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति डा. डीवाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने दिया। गणित-विज्ञान के सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए जारी मेरिट को लेकर विवाद था। आरक्षित वर्ग के लिए पहले जारी मेरिट में 82.5 अंक तक पाने वाले अभ्यर्थियों को शामिल करने की अनुमति दी गई। बाद में एनसीटीई ने इसे संशोधित करके 82 अंक कर दिया मगर प्रदेश सरकार इसके लिए राजी नहीं थी। फिर 29 अप्रैल 2014 को शासनादेश जारी कर सिर्फ 2013 के टीईटी उत्तीर्ण 82 अंक पाने अभ्यर्थियों को ही काउंसलिंग में शामिल होने की इजाजत दी । इस मामले को लेकर तमाम याचिकाएं हाईकोर्ट में दाखिल हो गई। एकल न्यायपीठ ने आठवीं काउंसलिंग पर रोक लगाते हुए सातवीं काउंसलिंग करा चुके अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने के बाद ही आठवीं काउंसलिंग कराने का निर्देश दिया। इस आदेश को स्पेशल अपील में चुनौती दी गई। कोर्ट ने सभी मामलों पर एक साथ सुनवाई करते हुए आरक्षित श्रेणी में 82 अंक पाने वालों को काउंसलिंग में शामिल करने का आदेश दिया है। याचिकाओं पर वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे, जीके सिंह, अनूप त्रिवेदी, नवीन शर्मा, विभू राय ने अपीलार्थियों का पक्ष रखा।
यह था विवाद
पहले जारी मेरिट में आरक्षित वर्ग के लिए 82.5 अंक पाने वालों को काउंसलिंग में शामिल होने की अनुमति दी गई थी। बाद में एनसीटीई ने इसे संशोधित कर 82 अंक कर दिया मगर यूपी सरकार राजी नहीं हुई। उसने 29 अप्रैल, 2014 को शासनादेश जारी कर सिर्फ 2013 के टीईटी उत्तीर्ण 82 अंक पाने अभ्यर्थियों को ही शामिल होने की इजाजत दी। अभ्यर्थियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
पहले जारी मेरिट में आरक्षित वर्ग के लिए 82.5 अंक पाने वालों को काउंसलिंग में शामिल होने की अनुमति दी गई थी। बाद में एनसीटीई ने इसे संशोधित कर 82 अंक कर दिया मगर यूपी सरकार राजी नहीं हुई। उसने 29 अप्रैल, 2014 को शासनादेश जारी कर सिर्फ 2013 के टीईटी उत्तीर्ण 82 अंक पाने अभ्यर्थियों को ही शामिल होने की इजाजत दी। अभ्यर्थियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
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