पहले दो इस्तीफा फिर होगी नियुक्ति
उन्नाव: जूनियर विद्यालयों में कार्यभार करना है, तो शिक्षक पूर्व तैनाती वाले स्कूलों से पहले इस्तीफा दें। बीएसए के इस फरमान से शिक्षकों में हड़कंप है। बीएसए आफिस से शिक्षकों के बीच फरमान को लेकर बड़ी बहस छिड़ी है। गैर जनपदों में ऐसा न होने की बात कहते हुए शिक्षक असमंजस में हैं। इस्तीफा देने से वरिष्ठता सूची से लेकर अन्य विभागीय लाभों में भी उन्हें पिछड़ना पड़ेगा।
उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 29,334 शिक्षक भर्ती में गणित व विज्ञान पदों पर शिक्षकों का चयन किया जा रहा है। जनपद में भी 520 पदों पर काउंसि¨लग हुई। इसमें से 518 को कार्यभार ग्रहण करने का पत्र भी जारी हो चुके है। काउंसि¨लग का हिस्सा बने 72,825 प्रशिक्षु व वह शिक्षक
जो प्राइमरी स्कूल में सहायक शिक्षक पद पर तैनात हैं, उनके लिए परेशानी खड़ी हो गई है। बीएसए ने ऐसे शिक्षकों को कार्यमुक्त न करने के बजाय उनका इस्तीफा मांगा है, इससे शिक्षक असमंजस में हैं जबकि गाइड लाइन यहां से रिलीव कर दूसरे स्थान पर कार्यभार ग्रहण कराने की है। गैर जनपदों में कार्यमुक्त कर कार्यभार दिलाए जा रहे हैं। एक ही विभाग में दो तरीके की गाइड लाइन किसी को पच नहीं रही है।
नियुक्ति पत्र में वेतनमान का भी नहीं जिक्र
उच्च प्राथमिक विद्यालय की हुई काउंसि¨लग में कार्यमुक्त करने के बजाए इस्तीफा मांगा जा रहा है। वहीं जो कार्यभार लेने का पत्र जारी किए गए हैं उसमें वेतनमान का कोई जिक्र ही नहीं है। इससे टीचरों में ऊहापोह की स्थिति है। अन्य जिलों में ज्वाइ¨नग लेटर पर बकायदा वेतनमान का भी उल्लेख किया गया है।
इस्तीफे के आदेश से आफत
इस्तीफा देने की स्थित में शिक्षकों को बड़े नुकसान का सामना करना पड रहा है। जैसे वरिष्ठता का नुकसान होगा, क्योंकि इस्तीफा देने ही उसकी मौजूदा सेवा खत्म हो जाएगी। एक साल फिर से उसे प्रशिक्षण अवधि के रूप में गुजारनी होगी। यही नहीं विभागीय गाइड लाइन के तहत अचानक इस्तीफे की स्थित पर शिक्षक को तीन माह वेतन की वसूली भी देनी होगी। गैर जनपदों में उदाहरण के तौर पर कुछ शिक्षकों ने गोंडा बीएसए के कार्यभार ग्रहण करने के पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि वहां रिलीव करने के साथ प्राइमरी का कार्यकाल जूनियर की नई नौकरी में जोड़ने की बात कही है। वहीं बीएसए कौस्तुभ कुमार ¨सह ने इस्तीफा माने की बात से सहमति जताती लेकिन इसपर अधिक जानकारी न देकर किनारा कर लिया।
उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 29,334 शिक्षक भर्ती में गणित व विज्ञान पदों पर शिक्षकों का चयन किया जा रहा है। जनपद में भी 520 पदों पर काउंसि¨लग हुई। इसमें से 518 को कार्यभार ग्रहण करने का पत्र भी जारी हो चुके है। काउंसि¨लग का हिस्सा बने 72,825 प्रशिक्षु व वह शिक्षक
जो प्राइमरी स्कूल में सहायक शिक्षक पद पर तैनात हैं, उनके लिए परेशानी खड़ी हो गई है। बीएसए ने ऐसे शिक्षकों को कार्यमुक्त न करने के बजाय उनका इस्तीफा मांगा है, इससे शिक्षक असमंजस में हैं जबकि गाइड लाइन यहां से रिलीव कर दूसरे स्थान पर कार्यभार ग्रहण कराने की है। गैर जनपदों में कार्यमुक्त कर कार्यभार दिलाए जा रहे हैं। एक ही विभाग में दो तरीके की गाइड लाइन किसी को पच नहीं रही है।
नियुक्ति पत्र में वेतनमान का भी नहीं जिक्र
उच्च प्राथमिक विद्यालय की हुई काउंसि¨लग में कार्यमुक्त करने के बजाए इस्तीफा मांगा जा रहा है। वहीं जो कार्यभार लेने का पत्र जारी किए गए हैं उसमें वेतनमान का कोई जिक्र ही नहीं है। इससे टीचरों में ऊहापोह की स्थिति है। अन्य जिलों में ज्वाइ¨नग लेटर पर बकायदा वेतनमान का भी उल्लेख किया गया है।
इस्तीफे के आदेश से आफत
इस्तीफा देने की स्थित में शिक्षकों को बड़े नुकसान का सामना करना पड रहा है। जैसे वरिष्ठता का नुकसान होगा, क्योंकि इस्तीफा देने ही उसकी मौजूदा सेवा खत्म हो जाएगी। एक साल फिर से उसे प्रशिक्षण अवधि के रूप में गुजारनी होगी। यही नहीं विभागीय गाइड लाइन के तहत अचानक इस्तीफे की स्थित पर शिक्षक को तीन माह वेतन की वसूली भी देनी होगी। गैर जनपदों में उदाहरण के तौर पर कुछ शिक्षकों ने गोंडा बीएसए के कार्यभार ग्रहण करने के पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि वहां रिलीव करने के साथ प्राइमरी का कार्यकाल जूनियर की नई नौकरी में जोड़ने की बात कही है। वहीं बीएसए कौस्तुभ कुमार ¨सह ने इस्तीफा माने की बात से सहमति जताती लेकिन इसपर अधिक जानकारी न देकर किनारा कर लिया।
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