टीईटी से सीटी और एनटीटी बाहर
इलाहाबाद : राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा में अब सर्टिफिकेट ट्रेनिंग (सीटी) और नर्सरी टीचर्स ट्रेनिंग (एनटीटी) प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी शामिल नहीं हो सकेंगे। शासन के निर्देश पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने टीईटी- 2014 में इन अभ्यर्थियों को शामिल नहीं करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इस बारे में जल्द ही औपचारिक आदेश जारी कर दिया जाएगा। शासन का यह निर्णय एनटीटी और सीटी प्रशिक्षण प्राप्त हजारों अभ्यर्थियों के लिए करारा झटका है। दोनों प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को टीईटी से बाहर करने का निर्णय नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 (आरटीई) के तहत किया गया है। दरअसल, आरटीई में पहली कक्षा से नीचे की पढ़ाई का प्रावधान समाप्त किए जाने की वजह से यह निर्णय शासन ने किया है। इसके अलावा अध्यापक सेवा नियमावली में संशोधन न होने के कारण भी सीटी नसर्ंरी और एनटीटी कोर्स करने वालों को परीक्षा में शामिल नहीं किया जा रहा है। अध्यापक सेवा नियमावली में संशोधन के लिए सरकार ने एससीईआरटी निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी का गठन किया था। लेकिन कमेटी के सुझावों के बावजूद नियमावली में संशोधन नहीं हो सका है। नियमावली में एनटीटी व सीटी नर्सरी को शामिल नहीं किए जाने के कारण इन डिग्रीधारकों को प्राइमरी स्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति नहीं मिल रही है। वर्तमान में एनटीटी पाठ्यक्रम के लिए दाऊ दयाल महिला पीजी कॉलेज, फिरोजाबाद और महर्षि मूलचंद महाविद्यालय, केराकत, जौनपुर अधिकृत है। शासन के इस निर्णय के बाद इन कॉलेजों में भी एनटीटी पाठ्यक्रम की पढ़ाई बंद हो जाएगी। दरअसल, पहले सरकारी प्री-प्राइमरी स्कूलों में सीटी नर्सरी सर्टिफिकेट कोर्स वालों की नियुक्ति होती थी। इसके लिए सरकार ने राजकीय शिशु प्रशिक्षण महाविद्यालय इलाहाबाद और दाउ दयाल नर्सरी ट्रेनिंग कॉलेज दयालबाग आगरा को मान्यता दी थी।
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