Thursday 18 December 2014

UPTET NEWS: 70% in TET will become a teacher

टीईटी में 70% लाने वाले ही बनेंगे शिक्षक
 लेकिन जॉइनिंग सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले पर  निर्भर

सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर टीईटी के जरिए चल रही 72 हजार शिक्षकों की भर्ती में अंतरिम आदेश जारी किया है। कोर्ट ने कहा है कि जनरल कैटिगरी के जिन आवेदकों के टीईटी में कम से कम 70 फीसदी मार्क्स आए हैं उनकी नियुक्ति की जाए। साथ ही 65 फीसदी मार्क्स पाने वाले एससी, एसटी और ओबीसी आदि कैटिगरी के आवेदकों की नियुक्ति की जाए। नियुक्ति पत्र में लिखा जाए कि जॉइनिंग सुप्रीम कोर्ट के आखिरी फैसले पर निर्भर करेगी। अदालत ने सख्त निर्देश दिया है कि यह भर्ती 6 हफ्ते में पूरी कर रिपोर्ट अदालत के सामने 25 फरवरी को पेश की जाए। अदालत ने साफ किया कि यह आदेश अंतरिम है। सुनवाई पूरी होने के बाद आखिरी फैसला मायने रखेगा। यूपी में 72 हजार टीचरों की भर्ती का केस सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है।

 यह दिया जवाब

बुधवार को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कोर्ट को बताया कि एनसीटीई ने टीचरों की भर्ती के लिए जो गाइडलाइंस तय की हैं उसके हिसाब से भर्ती का मामला राज्य सरकार के हाथों में है। साथ ही कहा कि जहां तक ज्यादा वेटेज का सवाल है तो क्वॉलिटी मार्क्स और टीईटी दोनों को देखा जाता है। यह राज्य सरकार पर निर्भर है। लेकिन ज्यादा वेटेज टीईटी को दिया जाना चाहिए, क्योंकि पांच पेपर होते हैं और उस आधार पर मार्क्स आते हैं। लेकिन यह तय राज्य सरकार को ही करना है। सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि यह मामला यूपी में 72825 टीचरों की भर्ती से संबंधित है। वैसे यूपी में कुल 3 लाख टीचरों के पदों की वैकेंसी है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है। ऐसे में मामले में अंतरिम हल निकालना जरूरी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि यूपी में 3 लाख टीचरों का पोस्ट खाली पड़ी हैं। अदालत ने राज्य सरकार से कहा है कि वह आदेश पर अमल कर उसकी रिपोर्ट पेश करें। अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 25 फरवरी की तारीख तय कर दी है।

नतीजा भुगतने की चेतावनी

जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने कहा कि जो वैकेंसी बताई जा रही है, वह काफी ज्यादा है। उसे निश्चित तौर पर भरने की जरूरत है। कोर्ट ने कहा कि टीचर भर्ती के मामले में 25 मार्च, 2014 के उनके आदेश पर राज्य सरकार ने अमल नहीं किया है। अदालत ने कहा कि बदले हुए आदेश की तामील की जाए। अगर इस आदेश का पालन नहीं हुआ तो नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहें।

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